इस प्रकार की राष्ट्रीयता शिशा-प्रणाली करना है जिसकी द्वारा ऐसी युवा पीठी का निर्माण हो सके जो हिन्दुत्वनिष्ठ एवं राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत हो,शारीरिक,प्राणिक,बौधिक एवं अध्यात्मिक दृष्टी से पूर्ण विकसित हो तथा जो जीवन की वर्तमान चुनोतीयो का सामना सफलतापूर्वक कर सके और उसका जीवन ग्रामीण,वनवासी,गिरिकन्दराओ एवं जोपडीयो में निवास करने वाले दिन-दुखी अभावग्रस्त अपने बान्धवो को सामाजिक कुरीतियों शोषण एवं अन्यास से मुक्त कराकर राष्ट्र जीवन कोसमरस,सुस्पन्न एवं सुसंस्कृत बनाने के लिए समर्पित हो|
वर्ष १९३२ में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी के मसूरी आगमन पर बिडला भवन में,श्री पदमपत सिघानिया जी की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन हुआ जिसमे उत्तर प्रदेश के कतिपय उधोगपति एवं मसूरी के संभ्रात नागरिको ने निर्णय लिया की मसूरी में एक स्थान करी किया जाय जिसमे महात्मा गाँधी जी के आगमन पर विशिष्ट कायक्रम आयोजित किये जा सके|