History

वर्ष १९३२ में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी के मसूरी आगमन पर बिड़ला भवन में,श्री पदमपत सिघानिया जी की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन हुआ जिसमे उत्तर प्रदेश के कतिपय उधौगपति एवं मसूरी के संभ्रात नागरिको ने निर्णय लिया की मसूरी में एक स्थान क्रय किया जाय जिसमे महात्मा गाँधी जी के आगमन पर विशिष्ठ कार्यक्रम आयोजित कियेजा सके| उसके फलस्वरूप आवासीय स्थल क्रय किया गया और
श्री गाँधी निवास सोसायटी के नाम से पंजीकरण कराया गया| श्री पदमपत सिघानिया,श्री गुज्जरमल मोदी, श्री मोहन लाल अग्रवाल,श्री मदन लाल आहूजा,श्री पी.सी.हरी, डॉ आनन्द प्रकाश,श्री वी.एन.सिंह,श्री.के.सी.खनना,श्री पुष्कर नाथ तनखा एवं डॉ जे.आर.गोयाल आदि के अथक प्रयासों से भवन का जिनोधार हुआ,तथा सोसायटी द्वारा विभिनन प्रकार के सेवा कार्य चलाये जानेलगे|

वर्ष १९६३ में माँ जगदम्बा के विशेष कृपा पात्र,साक्षतकारी सन्त महात्मा योगेश्वर जी काआगमन मसूरी में हुआ,तब तक थियोसोफिकल सोसायटी केप्रवचन इस भवन मेंहोते थे| श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर महात्मा योगेश्वरजी के गीता ज्ञान पर आधारित धारा प्रवाह प्रवचनों ने समस्त श्रोतागणों को सम्मोहित कर लिया| श्रोतागणों ने महात्मा जी से विनती की,कि वे नित्यप्रति प्रवचन दे| तभी से श्री गाँधी निवास सोसायटी "आध्यात्मिक केन्द्र" के रूप में स्थापित होने लगी| १९७८ से पूज्य महात्मा योगेश्वर जी के शुभाशीष से महात्मा योगेश्वर सरस्वती शिशु मंदिर १८ छोटे-छोटे भैया बहिनों से प्रारभ हुआ| विद्यालय धीरे-धीरे अपनी विकास यात्रा पर चलते हुए सरस्वती विद्या मंदिर के रूप में कक्षा आठवी तक भी संचालित होन लगा| समाज व अभिभावकों की मांग पर विद्यालय का उच्चीकरण करने की आवश्यकता महसूस होने लगी जिसके फलस्वरूप २००९ में हाईस्कुल एवं २०१५ में इण्टर कॉलेज के रूप में वर्तमान में संचालित होरहा है जो आज ६०० भैया/बहिन को शिक्षा प्रदान कर रहा है-जो की नगर में ही नहीं अपितु उतर्राखंड राज्य में अपनी पहचान बनाये हुए हें|

महात्मा योगेश्वरजी की भावनाओ और आदर्शो पर आधारित विद्यालय का उद्देश्य सेवा,सादगी और नम्रता है| आज के भौतिकता वादी युग में भी हमारा विद्यालय भारतीय परवेश पर आधारित,संस्कृति,सभ्यता,एवं नैतिक गुणों से परिपूर्ण शिक्षा प्रदान करने केलिये सदैव प्रयासरत है| यधपि अधिकतर भैया,बहिने अत्यनत निर्बल एवं निर्धन वर्ग से सम्बन्धित है परन्तु इनकी योग्यता एवं प्रतिभा अनन्त है,इसी अनन्त प्रतिभा को खोजना व सवारना विद्यालय की प्राथमिकता है| प्रयास के साथ विद्यालय का शैक्षक परिणाम और साथ ही पाठ्य सहगामी क्रिया कलापों के परिणाम प्रदेश भर में उच्च श्रेणी के रहते है| जैसे-जैसे महत्मा योगेश्वर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर इन्टर कोलेज प्रगति कर रहा है,हमें अतिरिक्त कक्षाओ,प्रयोगशाला,पुस्तकालय,एवं अन्य सुविधाओं की आवश्यकता महसूस हो रही है| जिससे हम और बेहतर शिक्षा प्रदान कर सके|

वर्तमान में १५० वर्ष पुराना यह जर्जर भवन एवं भैया बहिनों की सुरक्षा,विद्यालय परिवार के लिए सैदेव चिन्ता का विषय रहा है| इसी उदेश्य की पूर्ती के लिये हमने नवीन भवन के निर्माण हेतु,एम.डी.डी.ए से अनुमति प्राप्त कर नवीन भवन के निर्माण कार्य का शुभारम्भ कर दिया है|

हम समस्त दानी महानुभावों से करबद्ध आग्रह करते है की समाज के अपंवचित वर्ग के,प्रतिभावान बच्चो की बेहतर शिक्षा के लिये चलाये जा रहे इस विद्यालय रूपी महायज्ञ में उन्मुक्त र्ह्दय से दान रूपी आहुती दे | आप द्वारा यदि अपने किसी स्वजन के स्मृति में किसी कक्ष या किसी एकतल का निर्माण हेतु सहयोग देते है तो वह कक्ष अथवा तल उनके नाम से जाना जायेगा|

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प्रकृति के सुरम्य वादियों में बसी पहाड़ो कीरानी मसूरी,देहरादून,उतराखण्ड में १४ अगस्त १९७८ में पूज्य श्री कृषणचन्द गाँधी जी द्वारा स्थापित महात्मा योगेश्वर सरस्वती शिशु मंदिर १८ भैया/बहिने से प्रारम्भ होकर प्रगति के पथ पर निरन्तर बठते हुये वर्तमान में ६०० छात्र संख्या लेकर कक्षा १२ वी तक संचालित हो रहा है| जिनको २५ आचार्यगण अपनी योग्यता से संस्कारवान शिक्षा देने के पुनीत कार्य में लगे है|

विद्यालय में विधाथियो के अन्दर नेतृत्व विकास का गुण विकसित करने के उदेश्य से छात्र संसद एवं कन्या भारती का गठन किया जाता है भाषण एवं सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रा-छात्राओ चयन किया जाता है|

विद्यार्थी अपने मन के विचारो को अभिव्यक्ति प्रदान कर सके उसे अपने शब्दों में कह सकने की क्षमता को विकसित करने के उद्येश्य से विद्यालय में हस्तलिखित पत्रिका "ज्योतिपुंज" का प्रकाशन किया जाता है| जिसमे हिंदी,अंग्रेजी,संस्कृत विषय का सहित्य संकलित किया जाता है|

विद्यार्थी को आधुनिक ज्ञान-विज्ञान से जोड़ने के लिए कंप्यूटर एवंविज्ञान प्रयोगशाला की सुविधा उपलब्ध है |

विद्यालय अपने पुराने कक्षा को नवीन तकनिकी से युक्त बनाने की दिशा में निरन्तर प्रगति की और बठ रहा है| अलग-अलग शौचालय,प्रयोगशालाये,स्वच्छ पेयजल व्यवस्था,विधुत हेतुइनवेटर,वाइ-फाई की सुविधा एवं खेल का मैदान आदि विकसित कियेगये है |

बठती छात्र संख्या को देखते हुए समय-समय पर नवीन भवन बनाने के क्रम में विद्यालय अग्रसर है | स्थानीय विध्यापक एवं पूज्य माँ सर्वेश्वरी तथा भारतीय शिक्षा समिति उत्तराखण्ड के सहयोग से भवन के एक भाग का निर्माण सम्पन्न हो चूका है| तथा,मुख्य भवन को तोड़कर भी एक सुन्दर आधुनिक,शैक्षक वातावरण युक्त भवन का निर्माण शीघ्र ही प्रारभ होने जा रहा है|

प्रकृति सरंक्षण के प्रति जागरण करने के उदेश्य से प्रतिवर्ष वृक्षारोपण तथा सौन्दर्यकरण किया जाता है एवं वृक्षो को भी सुरक्षीत रखा जाता है|

विद्याथियो को पर्यावरण व स्वछता के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से समय-समय पर स्वछता अभियान चलाया जाता है|

विद्यालय विकास में पर्व छात्रो की अहम भूमिका होती है| विद्यालय के अनेको पर्व छात्र उच्च पदों पर आसीन होते हुये भी विधालय से जुड़े रहते है|

विद्या अर्जन के साथ-साथ विद्याथियो में संस्कृति के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने की ध्रुष्टि से विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते है|जिससे उनमे आत्म-विश्वास बठता है |

विद्यार्थी विषय शिक्षण के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की शारीरिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहते है | जिससे छात्र/छात्राओं का सर्वागीण विकास करने में सहयोग प्राप्त होता है |

विद्यालय स्तर पर आयोजित अनेक प्रतियोगिताओं के साथ-साथ मसूरी नगर में आयोजित होने वाले विभिनन प्रतियोगिताओं में भी अपने विधार्थी प्रतिभाग करते है तथा पुरस्कार प्राप्त कर विद्यालय का नाम रोशन करते है| सदभावना,रोटरी क्लब, लायसं कल्ब,एल.आइ.सी.सहित अनेक प्रतिष्ठत संस्थाओ द्वारा पुरस्कृत यह विद्यालय मसूरी नगर का प्रतिष्ठत विद्यालय के रूप में स्थपित है|

विद्यालय मात्र शिक्षण प्रदान करने का केन्द्र ही नहीं अपितु समाज में अच्छा कार्य करने वालो को भी प्रोत्साहित करना विद्यालय का उद्देश्य रहा है| जिसके तहत मसूरी नगर के वरिष्ट नागरिको को भी सम्मानित किया गया|

विद्यार्थियों को देश प्रदेश की भी जानकारी प्राप्त हो,वहा की भोगोलिक एवं सांस्कृतिक विरासत को समजने के उद्देश्य से समय-समय पर देश-दर्शन यात्राये करायी जाती है |

महात्मा योगेश्वर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर इन्टर कॉलेज आज मसूरी नगर का लब्धप्रतिष्ठत विद्यालय के रूप में प्रतिष्ठपित है| अपने शैक्षणिक व संस्कारक्षम तथा नैतिक मूल्यों पर आधारित गतिविधियों के कारण विद्यालय एक आदर्श शिक्षण संस्थान के रूप में मसूरी नगर के अंदर कार्य कर रहा है|